परफेक्ट बेस्ट क्वालिटी श्रीयंत्र कैसे सिलेक्ट करें?
अगर आप कॉपर प्लेट वाला यानी डी का श्रीयंत्र ले रहे हो, तो निश्चित रूप से मेटल की प्योरिटी, दूसरी बात मेटल की थिकनेस, और तीसरी सबसे इंपॉर्टेंट बात है डिजाइन ज्योमेट्री की परफेक्शन होना। साथ ही साथ प्राण प्रतिष्ठा भी निश्चित रूप से इंपॉर्टेंट है, जिसके ऊपर मैं बाद में बात करूंगा।
अगर आप मेरु श्रीयंत्र ले रहे हो, तो वहां पर भी पंचधातु की प्योरिटी शास्त्रों के अनुसार बहुत बेहतरीन मानी जाती है। लेकिन आज की तारीख में स्फटिक में प्योरिटी और परफेक्शन ऑफ ज्योमेट्री मिलना बहुत मुश्किल है, डाउटफुल है। इसलिए केवल एक ही ऑप्शन है—वह जो प्राण प्रतिष्ठा करके आता हो।
कई बार श्रीयंत्र लेने के बाद उसकी स्थापना कहां करें, उसकी पूजा कैसे करें, प्राण प्रतिष्ठा यानी फुली रिचलाइट आपको वास्तु रविराज की ओर से मिल सकती है, बेस्ट क्वालिटी प्योरिनर्जिक। और फोटो में जो श्रीयंत्र आपको दिखता है, उसकी क्वालिटी, प्योरिटी ऑफ डिजाइन और प्राण प्रतिष्ठा यह सब नहीं दिख सकती, इसलिए केवल और केवल अच्छे ट्रस्टेड सोर्स से ही परचेस करें। धन्यवाद।
Shree Yantra Layout
श्रीयंत्र की संरचना अत्यंत जटिल और ज्यामितीय होती है। इसमें नौ त्रिकोण होते हैं, जो केंद्र में एक बिंदु (बिंदु) से निकलते हैं। ये त्रिकोण देवी के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। चार त्रिकोण ऊपर की ओर होते हैं, जो शिव का प्रतीक हैं, और पाँच त्रिकोण नीचे की ओर होते हैं, जो शक्ति या देवी का प्रतीक हैं। इस संरचना को मिलाकर 43 त्रिकोण बनते हैं, जो पूरे ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसे सबसे शक्तिशाली और पवित्र यंत्रों में से एक माना जाता है।
श्री यंत्र के लाभ
श्री यंत्र को घर या कार्यालय में स्थापित करने से प्राप्त होने वाले कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
श्री यंत्र की पूजा से आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
यह मन की शांति और मानसिक स्थिरता के लिए एक उपकरण माना गया है, जो पूर्ण दक्षता प्रदान करता है।
यह जीवन में सफलता, खुशी, और समृद्धि को आकर्षित करता है और उनकी ओर मार्गदर्शन करता है।
