अगर तुमने रात को सोने से पहले हनुमान जी के इस मंत्र को सुन लिया, तो तुम्हारी लाइफ की सारी प्रॉब्लम हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। और जो तुम्हारे माइंड में नेगेटिविटी चलती रहती है, जो तुम उल्टा-सीधा सोचते रहते हो, जो तुम ओवरथिंकिंग करते हो, वह तुम्हारा हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
इसके लिए तुम्हें कुछ भी नहीं करना है। बस रात को सोने से पहले अपने कानों में ईयरफोन लगाकर इस मंत्र को सुनना है:
‘ॐ चम चम चम चता, ॐ हनु हनु हनु हनुमंता, ॐ हम हम हाग, देव कप चंचल, ॐ सम सम सहम नि खल दल, अपने जन को रत उभार, सुमिरत होए अनंद हमारो, यह बजरंग बाण जही मारता ही कहो, फिर कौन उभार।’
अंजनेया मंत्र का हमारे जीवन में एक विशेष स्थान है। यह मंत्र हनुमान जी से जुड़ा हुआ है, जिन्हें अंजनेया भी कहा जाता है, क्योंकि उनकी माता का नाम अंजना था। हनुमान जी को उनके अद्भुत साहस, शक्ति और भक्ति के लिए पूजा जाता है। अंजनेया मंत्र का उच्चारण करते समय हमें उनके अद्वितीय गुणों की याद दिलाई जाती है, जो हमें भी अपने जीवन में सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता करते हैं।
अंजनेया मंत्र की विशेषता यह है कि इसका प्रभाव मानसिक और आध्यात्मिक शांति में है। जब हम इसे नियमित रूप से करते हैं, तो हमें अपने अंदर एक अद्भुत शक्ति का अनुभव होता है। इस मंत्र के शब्दों में ही ऐसी शक्ति होती है जो हमारे जीवन की हर कठिनाई को हल करने का साहस प्रदान करती है। यह मंत्र न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि शरीर को भी उर्जा से भरता है और नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
अंजनेया मंत्र का प्रयोग किसी भी कठिनाई के समय किया जा सकता है। अगर मन में डर, असमंजस या नकारात्मकता है, तो इस मंत्र के नियमित उच्चारण से वो दूर हो जाते हैं। हनुमान जी का आह्वान करते हुए, हम अपने जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकते हैं। अंजनेया मंत्र की साधना में हनुमान जी के प्रति भक्ति और समर्पण का भाव होना आवश्यक है, क्योंकि हनुमान जी भक्तों के संकटों का निवारण करने वाले देवता माने जाते हैं।

अंजनेया मंत्र के अनेक रूप होते हैं
“ॐ अंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्।”
इस मंत्र का अर्थ है – हम अंजना के पुत्र का ध्यान करते हैं, वायुपुत्र की महिमा का स्मरण करते हैं, और हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं कि वह हमें अपनी शक्ति और साहस प्रदान करें। इस मंत्र का नियमित जप करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और जीवन में स्थिरता आती है।
मंत्र का जाप करते समय ध्यान रखें कि इसे मन से पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ किया जाए। मंत्र का उच्चारण प्रातःकाल या संध्या के समय करना सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय वातावरण शांत रहता है और मन भी स्थिर होता है, जिससे इस मंत्र का प्रभाव बढ़ जाता है।
अंजनेया मंत्र के लाभ असीमित हैं। यह हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और हमारी आंतरिक शक्ति को जागृत करता है। जो लोग जीवन में किसी प्रकार के संकट से गुजर रहे होते हैं, उनके लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। यह भी माना जाता है कि यह मंत्र हमारे चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाता है, जो हमें नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाता है।
अंत में, अंजनेया मंत्र की साधना हमारे जीवन में एक नई दिशा और सकारात्मकता लाती है। यह मंत्र हमारे दिल को पवित्र करता है और हमारे मन को शुद्ध करता है। यदि इसे निरंतर और ध्यानपूर्वक किया जाए, तो यह निश्चित रूप से हमें आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।